Boy will (लड़का ही होगा)

मुझे आज भी याद है, मेरी प्रेगनेंसी के समय सभी लोग बोला करते थे कि मुझे लड़का ही होगा। कम-से-कम मेरी सासू माँ को तो इस बात का पूरा विश्वास था। जिस तरह के लक्षण दिख रहे थे उस हिसाब से सबने अपना-अपना अनुमान लगा लिया था। लेकिन मैंने और शेषांक, मेरे पतिदेव ने कभी इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा। हमारे मन में तो बस यही था जो भी हो स्वस्थ हो, ठीक हो। 

पहले के समय लड़का होने पर ज़्यादा ज़ोर दिया जाता था शायद यही वजह हुआ करती थी कि घरों में दो से ज्यादा बच्चे हुआ करते थे। हम भी पांच बहनें ही हैं, बिना किसी भाई के... लेकिन हमने कभी भी मम्मी-पापा को लड़का न होने की वजह से दुःखी होते नहीं  देखा। मम्मी तो बताती हैं कि मुझे तो उन्होंने प्लान भी नहीं किया था लेकिन मैं फिर भी आ गयी। बहुत हँसी भी आयी उनकी ये बात सुनकर। 

ख़ैर, अब ज़माना बदल चुका है, बहुत कम ही लोग ऐसे मिलते हैं जिन्हें लड़के की चाह रहती है क्योंकि उनको लगता है अगर लड़का नहीं हुआ तो उनका वंश आगे नहीं बढ़ेगा, उनका नाम ऊंचा कौन करेगा!!

मेरी डिलीवरी का समय आया और मैंने प्यारी-सी बेटी को जन्म दिया -मिट्ठू को। मुझे लगा कि कहीं सासू माँ को बुरा न लगा हो लेकिन ऐसा नहीं हुआ, वो बहुत खुश हुईं। मैं सच कहूँ तो उन्हें खुश देख कर मुझे बेहद सुकून मिला।
मिट्ठू को पहले दिन से उन्होंने ही संभाला। उन्होंने उसे अपने साथ ही सुलाया क्योंकि पहले दिन मुझे उसे गोद में लेने में घबराहट हो रही थी। लेकिन मैं आखिर उससे कब तक दूर रह सकती थी !

सच ये भी है कि मिट्ठू के आने के तुरंत बाद से ही ये चर्चा भी शुरू हो गयी थी कि फ़ैमिली में अगली बार ही सही पर लड़का तो होगा ही। इस विषय पर चर्चा तो आज भी चलती है और शायद आगे भी चलती रहेगी। लेकिन ऐसी सभी चर्चाओं से परे मेरा आज और अभी का सच मेरी मिट्ठू है.....

Comments